Hamirpur News

Hamirpur News: सत्ता का केंद्र कहे जाने वाले हमीरपुर ने नारायण चंद्र पराशर, ठाकुर जगदेव चंद, दो बार के मुख्यमंत्री प्रो. प्रेम कुमार धूमल, केंद्रीय मंत्री अनुराग सिंह ठाकुर सरीखे ऐसा नेता दिए हैं, जिन्होंने अपनी नेतृत्व क्षमता के बूते देश और प्रदेश की राजनीति में न केवल अपनी प्रतिभा का लोहा मनवाया बल्कि जिला के साथ-साथ प्रदेश को एक अलग पहचान भी दिलाई है। अब प्रदेश के वर्तमान मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंदर सिंह सुक्खू भी इसी जिला से आते हैं जो कि नादौन विधानसभा क्षेत्र से ताल्लुक रखते हैं। वे भी अपनी नेतृत्व क्षमता के बल पर प्रदेश ही नहीं बल्कि देश में भी अपनी पहचान बनाए हुए हैं। यूं कहें तो नॉर्थ इंडिया से कांग्रेस के पास केवल मात्र वही एक मुख्यमंत्री हैं। अब जैसा की सबको ज्ञात है कि हिमाचल की राजनीति में जो राजनीतिक घटनाक्रम पिछले एक महीने से चला हुआ है उसके बाद करीब डेढ़ साल में ही यहां उपचुनाव की नौबत आ गई है।तीन निर्दलीय विधायकों को फिलहाल छोड़ दें तो प्रदेश के छह विधानसभा क्षेत्रों में उपचुनाव और चार संसदीय क्षेत्रों में आम चुनाव जून में होने जा रहे हैं। सियासी उहापोह के बीच जनता को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी भी चाहिए और मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू भी। दरअसल हमीरपुर में सबसे बड़ा एक फैक्टर जो देखने को मिल रहा है, वो है प्रदेश के मुख्यमंत्री का हमीरपुर से होने का इमोशन और फिर उन्हें खोने का डर। ऐसे में माना जा रहा है कि जनता अब यहां अपने मन की सुनेगी। खैर हमीरपुर के सियासी घटनाक्रम किस ओर करवट लेते हैं यह तो कहना जल्दबाजी होगा लेकिन यहां की जनता इस बार अपने मन की करने के मूड में नजर आ रही है। कांग्रेस में मंथन जारी भाजपा हाईकमान अपने प्रत्याशी हमीरपुर को ‘थोप’ चुका है, जबकि कांग्रेस प्रत्याशियों को लेकर अभी मंथन चला हुआ है। वर्तमान सिनैरियो को देंखे तो सुजानपुर से राजेंद्र राणा जबकि

बड़सर से इंद्रदत्त लखनपाल को भाजपा ने बतौर प्रत्याशी उतारा है। हमीरपुर सदर के निर्दलीय विधायक का इस्तीफा अभी फिलहाल विधानसभा स्पीकर ने स्वीकारा नहीं है इसलिए यहां के बारे में कुछ भी कहना जल्दबाजी होगा। बाकी जिलों से मतलब नहीं मजेदार बात यह है कि हमीरपुर की जनता के साथ-साथ विरोधी दलों के लोग भी हमीरपुर से मुख्यमंत्री नहीं खोना चाहते। सबका दो टूक कहना है कि उपचुनाव चाहे छह सीटों पर हों या नौ सीटों पर बाकी जिलों के परिणाम क्या होंगे इससे उन्हें कोई मतलब नहीं लेकिन सब चाहते हैं कि हमीरपुर से उपचुनावों में सारी सीटें कांग्रेस जीते। अब देखने वाली बात होगी कि मुख्यमंत्री इस बार जनता की सलाह मानते हैं या फिर मित्रों की।

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