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Himachal News: हिमाचल प्रदेश में अब कार्मिक विभाग की मंजूरी के बिना आईएएस और एचएएस अफसरों को कोई भी जांच नहीं सौंपी जाएगी। बुधवार को मुख्य सचिव प्रबोध सक्सेना ने सभी प्रशासनिक सचिवों, विभागाध्यक्षों, उपायुक्तों और मंडलायुक्तों को इस संदर्भ में आदेश जारी किए हैं। पत्र में कहा कि कार्मिक विभाग संवर्ग नियंत्रण प्राधिकारी है। ऐसे में प्रशासनिक नियंत्रण वाले अफसरों को कोई भी सचिव सीधे जांच नहीं सौंप सकते। पत्र में लिखा है कि अक्सर यह देखा गया है कि कार्मिक विभाग की पूर्व अनुमति के बिना कुछ प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष अपने स्तर पर आईएएस और एचएएस अधिकारियों को जांच सौंप रहे हैं।जांच ऐसे अफसरों को सौंपी जा रही है जो सीधे उनके प्रशासनिक नियंत्रण में भी नहीं हैं। कार्मिक विभाग आईएएस और एचएएस अधिकारियों का कैडर नियंत्रण प्राधिकरण है, ऐसे में किसी भी मामले में कोई भी जांच ऐसे आईएएस और एचएएस अधिकारी को नहीं सौंपी जा सकती है जो संबंधित के सीधे प्रशासनिक नियंत्रण में नहीं हैं। कार्मिक विभाग की पूर्वानुमति के बिना प्रशासनिक सचिव और विभागाध्यक्ष ऐसे फैसले नहीं ले सकते हैं। ऐसे मामलों में जांच सौंपने से पहले कार्मिक विभाग से परामर्श करना अनिवार्य होगा। सभी प्रशासनिक सचिवों और विभागाध्यक्षों को भविष्य में इन आदेशों का कड़ाई से पालन करने के लिए कहा गया है।

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