Himachal News: जल्द होगा बीएड पाठ्यक्रम का बदलाव राष्ट्रीय शिक्षा नीति के तहत। चार वर्षीय डिग्री कार्यक्रम के बाद टीजीटी व लेक्चरर के लिए भर्ती नियमों में बदलाव होने की संभावना है। यदि यह नियम एक साथ लागू होता है तो पहले बीएड की डिग्री वाले व्यक्ति नौकरी से वंचित हो सकते हैं।
नौकरी के लिए नए शैली के नियमों से कई लोगों को अपात्र होना पड़ सकता है। इसे प्रदेश में डिग्री की मान्यता पर भी असर पड़ सकता है। शिक्षा विभाग ने इस पर विचार करने के लिए मंथन शुरू किया है। इस पर विचार करते हुए, विभाग ने नई नीति की सभी दिशानिर्देशों की जांच शुरू की है। सचिव शिक्षा राकेश कंवर की अध्यक्षता वाली बैठक में इस पर विचार किया गया था।
विधि विभाग से आपात विचार किया जा रहा है। डिग्रीधारकों की अधिक संख्या को लेकर विधि विभाग से सलाह ली जाएगी। इन्हें पात्र बनाने के लिए क्या उपाय अच्छे होंगे, इस पर विचार किया जा रहा है। क्या इन्हें विशेष प्रशिक्षण दिया जाए या कोई और विकल्प चुना जाए? इस दिशा में विधि विभाग की राय पर ही आगे की कदम उठाए जाएंगे। साथ ही, विभाग चार वर्षीय बीएड डिग्री कार्यक्रम की भी शुरुआत करने की योजना बना रहा है।
जल्द ही प्रदेश में बीएड का पाठ्यक्रम भी बदला जाएगा
राष्ट्रीय शिक्षा नीति के अनुसार प्रदेश में बीएड को बदला जाएगा। विभाग बहुत से नियमों में बदलाव करना चाहेगा, जैसे टीजीटी और लेक्चरर की भर्ती और पदोन्नति में। यह तमाम प्रक्रियाएं समय लेंगी। अगर विभाग तुरंत नियमों को लागू कर देता है, तो पहले से बीएड किये लोग नौकरी से महरूम हो सकते हैं। स्कूलों में ऐसी बहुत रिक्तियाँ नहीं हैं जो सभी को एक साथ नौकरी दे सकें।