IIT Mandi 3d metal Printing

मंडी न्यूज़ : भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान (आईआईटी) मंडी के शोधकर्ताओं ने एक कम खर्च वाली 3डी मैटल प्रिंटिंग तकनीक का नया तकनीकी उद्भाव किया है। इस नई तकनीक का उपयोग एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, स्पेयर पार्ट्स, हीट सिंक, बायोमेडिकल डिवाइस निर्माण में किया जा सकता है, जो कि पहले से ही काफी सरल होगा। इस प्रौद्योगिकी को विकसित करने में अंतरराष्ट्रीय सहयोग भी हुआ है।

शोध में स्पष्ट होता है कि इस एक्सट्रूज़न-आधारित मेटल एडिटिव मैन्युफैक्चरिंग प्रक्रिया से अन्य मेटल 3डी प्रिंटिंग तकनीकों की तुलना में यह सबसे बेहतर और लागत प्रभावी है। इस प्रक्रिया में, कंप्यूटर-एडिड डिज़ाइन या 3डी स्कैनिंग के माध्यम से महीन धातु पाउडर का उपयोग होता है, जिससे मजबूत और जटिल घटकों को बनाया जा सकता है। यह प्रक्रिया विभिन्न उद्योगों में मददगार है, जैसे कि एयरोस्पेस, ऑटोमोटिव, स्पेयर पार्ट्स, हीट सिंक, बायोमेडिकल डिवाइस, और निर्माण सामग्री।

आईआईटी मंडी के रिसर्च स्कॉलर नवीन कुमार बंकपल्ली ने बताया कि यह तकनीक व्यक्तियों, उद्योगों या शोधकर्ताओं को स्वतंत्र रूप से तकनीक को विकसित और लागू करने में सक्षम बना सकती है, जिससे कम लागत में बड़े पैमाने पर उत्पादन की सुविधा मिलती है। इस नई प्रक्रिया का विशेष रूप से एयरोस्पेस प्रयोगों के लिए महत्वपूर्ण रोल हो सकता है, और यह वर्तमान धातु योजक विनिर्माण विकल्पों से बेहतर है।

आईआईटी मंडी के स्कूल ऑफ मैकेनिकल एंड मैटेरियल्स इंजीनियरिंग के सहायक प्रोफेसर डॉ. प्रतीक सक्सेना ने बताया कि वैश्विक मेटल 3डी प्रिंटिंग उद्योग तेजी से बढ़ रहा है, और भारत सरकार ने इस क्षेत्र में स्वदेशी उत्पाद विकसित करने के लिए प्रतिबद्धता दिखाई है।

इस शोध में शामिल रहे विशेषज्ञों का कहना है कि इसमें आईआईटी मंडी से डॉ. प्रतीक सक्सेना के साथ शोधार्थी नवीन कुमार बंकपल्ली, विशाल गुप्ता, एडिनबर्ग विश्वविद्यालय से डॉ. अंकुर बाजपेयी, और टेक्निकल यूनिवर्सिटी बर्लिन से क्रिश्चियन लाहोडा तथा फ्रौनहोफर इंस्टीट्यूट फॉर प्रोडक्शन सिस्टम्स एंड डिजाइन टेक्नोलॉजी, आईपीके, जर्मनी के डॉ. जूलियन पोल्टे भी शामिल हैं। इस शोध को “जर्नल कंपोजिट्स भाग बी” में प्रकाशित किया गया है।

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *