अब काथलीघाट से ढली (मशोबरा जंक्शन) तक के चार लेन के हिस्से के निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति (वर्किंग परमिशन) मिलने बाकी है।
कालका-शिमला फोरलेन के तीसरे चरण के रूप में काथलीघाट से ढली (शिमला) हिस्से का निर्माण कार्य अंतिम चरण में है। अब शकराला से ढली (मशोबरा जंक्शन) तक के चार लेन के हिस्से के निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति (वर्किंग परमिशन) मिलने बाकी है। राष्ट्रीय राजमार्ग प्राधिकरण (एनएचएआई) ने पर्यावरण, वन और जलवायु परिवर्तन मंत्रालय के पास 21.88 करोड़ रुपये जमा करवा दिए हैं। यह राशि पर्यावरण क्षतिपूर्ति की भरपाई (सीए स्कीम) के लिए दी है। एनएचएआई ने 15 अक्टूबर से पहले इस निर्माण कार्य को शुरू करने का लक्ष्य रखा है।
हाल के दिनों मंत्रालय से इस निर्माण कार्य के लिए वन स्वीकृति मिल गई थी। अब स्वीकृति की प्रतीक्षा है। यह बताया जा रहा है कि इसी सप्ताह में निर्माण कार्य के लिए स्वीकृति प्राप्त होगी। इसके बाद पेड़ों को काटने की मंजूरी मिलते ही फोरलेन कंपनी को निर्माण कार्य के लिए लक्ष्य दिया जाएगा। गौरतलब है कि काथलीघाट से शकराला तक का कार्य चल रहा है। शकराला से ढली जंक्शन तक अब निर्माण होना है। परियोजना अधिकारी आनंद दहिया ने बताया कि मंजूरी प्राप्त होने के बाद युद्धस्तर पर कार्य शुरू किया जाएगा। कालका-शिमला फोरलेन का कार्य तीन चरणों में हो रहा है। पहला चरण कालका-पिंजौर, दूसरा चरण पिंजौर से काथलीघाट है। तीसरे चरण में काथलीघाट से ढली (मशोबरा जंक्शन) तक निर्माण शुरू होगा। फोरलेन का निर्माण होने के बाद शिमला से चंडीगढ़ पहुंचना काफी आसान हो जाएगा। 2026 तक इसका कार्य पूरा करने का लक्ष्य रखा है।
3914.77 करोड़ से बनेगा 28.45 किमी लंबा फोरलेन
एनएचएआई ने काथलीघाट से ढली-मशोबरा जंक्शन तक 30.96 हेक्टेयर भूमि पर फोरलेन निर्माण होगा। काथलीघाट से शकराला गांव तक फोरलेन की लंबाई 17.465 किमी है। इसमें लगभग 1844.77 करोड़ रुपये की लागत से 20 पुल, दो टनल, 1 अंडरपास, 53 कलवर्ट, 1 प्रमुख जंक्शन, 2 अल्प जंक्शन, 1 टोल प्लाजा बनाने का कार्य चल रहा है। शकराला से ढली-मशोबरा जंक्शन तक के 10.985 किमी लंबे फोरलेन पर 2070 करोड़ रुपये खर्च होंगे। इसमें 7 पुल, 3 टनल, 29 कलवर्ट, 3 प्रमुख जंक्शन और एक अल्प जंक्शन बनेगा। 10.6 किमी में पुलों, टनलों और फ्लाई ओवर का निर्माण होगा।