Himachal News: हिमाचल के लाहुल स्पीति और चंबा के पांगी के किसान अब बिना किसी केमिकल का प्रयोग किए प्राकृतिक तरीके से खेती करेंगे। पांगी उपमंडल की 19 और स्पीति वैली की 13 पंचायतों ने यह प्रस्ताव पारित किया है।

प्राकृतिक खेती और खुशहाल योजना किसानों के लिए अद्भुत साबित हो रही है। यहां के 13 पंचायतों में 314 किसानों ने प्राकृतिक खेती का अपनाया है। इसी साल 12 करोड़ से अधिक मटर की फसल बेचकर स्पीति के किसान मालामाल हुए। किसानों को प्राकृतिक खेती का प्रशिक्षण दिया गया, जहां जीवामृत और अन्य जैविक खाद तैयार करने की विधि बताई गई। इस क्षेत्र में फूलगोभी, मटर, बंदगोभी, ब्रोकली, मूली, पालक, आलू और जौ का उत्पादन होता है।

15 से अधिक बागवान और कृषि विज्ञान केंद्रों ने प्राकृतिक रूप से सेब का उत्पादन कर नई मिसाल पेश की है। पर्यटकों के अलावा स्थानीय होटल और रेस्टोरेंट में प्राकृतिक उत्पादों की मांग बढ़ रही है। किसानों और बागवानों को उचित दाम मिल रहे हैं और प्राकृतिक उत्पादों से कैंसर और अन्य बीमारियों का खतरा भी कम हो रहा है।

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