Himachal News:किरतपुर-नेरचौक फोरलेन निर्माण में पर्यावरणीय नियमों की अनदेखी के आरोप में पांच निजी कंपनियों के खिलाफ स्वारघाट उपमंडल के वन अधिकारियों की शिकायत पर केस दर्ज किया गया है। वन विभाग का कहना है कि निर्माण के दौरान अवैज्ञानिक रूप से वन भूमि पर मिट्टी डाली गई, जिससे पर्यावरण और जल प्रदूषण हो रहा है।
स्वारघाट वन मंडल की अधिकारी नीलम कुमारी ने शिकायत दर्ज कराई कि 2012 से चल रहे फोरलेन निर्माण में गरा, मैहला और डडनाल क्षेत्रों में अवैज्ञानिक तरीके से मिट्टी फेंकी गई। बारिश के दौरान यह मिट्टी गोबिंद सागर झील में बहकर गई, जिससे जल प्रदूषण बढ़ रहा है।
वन परिक्षेत्र अधिकारी राम प्रकाश ने भी जब्बल और सुन्नण क्षेत्रों में अवैध मिट्टी डंपिंग की शिकायत की है। बारिश से यह मिट्टी भी गोबिंद सागर झील में पहुंचकर जल स्रोतों को नुकसान पहुंचा रही है।
बिलासपुर एएसपी शिव चौधरी ने बताया कि पुलिस ने दोनों अधिकारियों की शिकायत के आधार पर पांच निजी कंपनियों के खिलाफ केस दर्ज किया है और मामले की जांच चल रही है। मामले पर हाईकोर्ट में भी सुनवाई हो रही है।