सेहली मंडी के माँ बगलामुखी मंदिर में मंगलवार रात को माँ की वार्षिक जाग का आयोजन किया गया। इस अवसर पर माँ ने अपने पुजारियों के माध्यम से मौजूद भक्तों को आशीर्वाद दिया। इसके साथ ही, माँ ने देवी-देवताओं के बीच हुए युद्ध का वृत्तांत भी सुनाया। बताया गया कि इस बार देवताओं पर आसुरी शक्तियां भारी पड़ीं।
इस युद्ध का आरंभ ढाका, बंग्लादेश से हुआ और इसे भारत के विभिन्न स्थानों पर लड़ा गया। पहले पांच युद्धों में आसुरी शक्तियां और देवताएँ बराबरी में रहीं, लेकिन छठे युद्ध में आसुरी शक्तियों ने धोखे से देवताओं को हराया।
माँ ने पुजारियों के माध्यम से बताया कि इस बार आसुरी शक्तियों की जीत से जीवन की भारी हानि हो सकती है, और प्राकृतिक आपदाएं आ सकती हैं। फसलों को नुकसान हो सकता है। इस समय, मंदिर में विभिन्न भजन मंडलियों द्वारा भजन कीर्तन भी किया गया, और एक विशाल भंडारा भी आयोजित किया गया।
यह मान्यता है कि भादों माह के दौरान देवी-देवताओं के कपाट बंद रहते हैं और इस समय देवी-देवताओं के बीच युद्ध होता है, जिसका वृत्तांत जाग के धार्मिक आयोजन के दौरान पुजारियों द्वारा सुनाया जाता है।