Chamba News: राजकीय महाविद्यालय सलूणी में जल दिवस के मौके पर एक कार्यक्रम का आयोजन किया गया। इसका अध्यक्षता महाविद्यालय के प्राचार्य डॉ. मोहिंद्र कुमार सलारिया ने किया। इस अंतरराष्ट्रीय सम्मेलन का आयोजन ऑफलाइन और ऑनलाइन दोनों माध्यमों से किया गया। डॉ. मोहिंद्र कुमार सलारिया ने विश्व जल दिवस-2024 की थीम जल शांति को और स्पष्ट किया, कहते हुए कि जल के बिना जीवन की कल्पना नहीं की जा सकती। उन्होंने कहा कि विकास के बढ़ते कदमों के कारण पानी के संसाधनों पर नकारात्मक प्रभाव पड़ रहा है। इसके साथ ही जरूरत से ज्यादा पानी की खपत हो रही है। डॉ. सलारिया ने कहा कि पानी एक ऐसी धरोहर है जिसे आने वाली पीढ़ियों के लिए संभाल कर रखना बहुत जरूरी है। उन्होंने बताया कि रियो डी जेनेरियो में विश्व जल दिवस की शुरुआत हुई थी। उन्होंने कहा कि पृथ्वी के लगभग 71 फीसदी भू-भाग पर फैले जल का केवल तीन फीसदी भाग पीने के योग्य है। इसके बाद, मात्र एक फीसदी पानी विश्व की आबादी के उपयोग के लिए शेष बचता है। उन्होंने जल संकट की गंभीरता को बताते हुए कहा कि यदि इस रफ्तार से जल संसाधनों का इस्तेमाल चलता रहा तो एक दिन दुनिया को जल की कमी का सामना करना पड़ेगा।