Shimla News: हिमाचल प्रदेश में सत्तासीन कांग्रेस सरकार अपने कार्यकाल का एक साल पूरा करने जा रही है। धर्मशाला में आयोजित कार्यक्रम में सरकार अपनी उपलब्धियों का लेखा-जोखा करेगी। सरकार ने चुनौतीपूर्ण पहले साल में कठिनाइयों का सामना किया है, पर मुख्यमंत्री ठाकुर सुखविंद्र सिंह सुक्खू ने उभरते हुए एक सकारात्मक चेहरे को प्रस्तुत किया है। उनकी प्रशंसा ने जनता से लेकर नीति आयोग, विदेशी बैंकों तक सभी को प्रभावित किया है।

मुख्यमंत्री के कार्यकाल में ने अब तक कई महत्वपूर्ण कदम उठाए हैं, जैसे पेपर लीक घोटाले का पर्दाफाश, बिना बजट शुरू किए कार्यालयों को डिनोटिफाई करना, नशे की रोकथाम के लिए स्पेशल टास्क फोर्स का गठन। उन्होंने 4500 करोड़ का आपदा पैकेज दिया, बिना केंद्र सरकार की मदद के। अब देखना होगा कि हार के बाद भी कांग्रेस के मुख्यमंत्री कैसे अपने समर्थकों का साथ बनाए रखते हैं।

इतना मुश्किल भी नहीं पांच साल वाली रिवायत बदलना
हिमाचल में अब यह सवाल है कि क्या वह तीसरा मोर्चा बनाएंगे? मुख्यमंत्री को उठाना होगा यह फैसला – वैकल्पिक राजनीति या सारे विकल्पों का साथ देकर कांग्रेस को पुनर्विचार करें। सीएम की क्षमता है। उन्हें सभी मुद्दों पर ध्यान देने पर जोर देना होगा। यह दिन भी दूर नहीं कि 2027 में वे उस प्रथा को भी बदलेंगे, जो हर पांच साल में बदल जाती है।

 

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