Himachal News: हिमाचल राज्य ने बिजली आपूर्ति को हरित बनाने के लिए 10 हजार मेगावाट अक्षय ऊर्जा को अपने लक्ष्य में शामिल किया है। यहाँ का उद्देश्य 2030 तक 100% हरित प्रदेश बनने का है, जिसमें ऊर्जा की पूर्ति पूरी तरह से अक्षय और हरित ऊर्जा के साधनों से की जाएगी। हिमाचल वर्तमान में अपनी 80% ऊर्जा आवश्यकता को पनबिजली से पूरा करता है।
हरित प्रदेश बनने का लक्ष्य 2030 तक
राज्य की बिजली आपूर्ति को हरित बनाने के लिए अतिरिक्त 10 हजार मेगावाट की अक्षय ऊर्जा जोड़ने के राज्य के लक्ष्य में योगदान करेगा। सरकार का लक्ष्य अपनी 100 प्रतिशत ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति अक्षय एवं हरित ऊर्जा के जरिये करके 2030 तक हरित प्रदेश बनना है। हिमाचल वर्तमान में अपनी 80 प्रतिशत से ज्यादा ऊर्जा आवश्यकता की पूर्ति पनबिजली से करता है।
ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में आएगी कमी
विश्व बैंक का हिमाचल प्रदेश बिजली सेक्टर विकास कार्यक्रम, पनबिजली और आरई संसाधनों के उपयोग में मदद करेगा। यहाँ, 150 मेगावाट सौर क्षमता का उपयोग उदाहरण के रूप में किया जाएगा, जिससे ग्रीनहाउस गैस उत्सर्जन में 1,90,000 टन से अधिक की कमी होगी।