Himachal News: CM हेल्पलाइन से प्रदेश के लोगों की समस्याओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सवा सौ कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय नहीं मिल रहा है। किसी भी कंपनी या ठेकेदार संस्था को मासिक 11250 रुपये का भुगतान करना होता है, लेकिन न्यूनतम मानदेय के नाम पर हर महीने उन्हें 8500 रुपये ही मिलते हैं।
CM हेल्पलाइन से प्रदेश के लोगों की समस्याओं को सुलझाने में महत्वपूर्ण योगदान देने वाले सवा सौ कर्मचारियों को न्यूनतम मानदेय नहीं मिलता।
8500 रुपये न्यूनतम मानदेय के रूप में अदा किए
प्रदेश सरकार की ओर से घोषित न्यूनतम दिहाड़ी के हिसाब से अकुशल कामगार को किसी भी कंपनी, ठेकेदार, संस्था को मासिक 11250 रुपये का भुगतान करना होता है, लेकिन न्यूनतम मानदेय के नाम पर हर महीने हाथ में 8500 रुपये थमा दिए जाते हैं। इसके अतिरिक्त, प्रबंधक स्तर के कर्मचारियों को करीब 27 हजार मिलने चाहिए, लेकिन 17500 रुपये दिए जा रहे हैं।
सीएम हेल्पलाइन ने पांच लाख से अधिक शिकायतों का सफलतापूर्वक समाधान किया।
यह हेल्पलाइन अब तक साढ़े पांच लाख से अधिक शिकायतों का समाधान करने में सफल रही है, और अनुमान है कि शेष पचास हजार शिकायतों का भी समाधान होगा। इसके अलावा, विचाराधीन शिकायतों का भी समाधान हो रहा है। CM हेल्पलाइन के आईटी और कंप्यूटर इंजीनियर्स को न्यूनतम मानदेय नहीं मिल रही है