शिमला समाचार: उपमुख्यमंत्री मुकेश अग्निहोत्री ने कहा कि सरकार चिट्टे पर नियंत्रण बनाने के लिए कदम उठा रही है। पांच ग्राम से कम चिट्टा पकड़ने पर भी जमानत नहीं देने का प्रस्ताव केंद्र सरकार को भेजा गया है। हिमाचल विधानसभा से मान्यता मिलने के बाद, इस प्रस्ताव के बाद नशे के व्यापार पर रोक लग सकती है। अब तक, पांच ग्राम या उनसे कम चिट्टा पकड़ने वालों को जमानत मिल जाती थी। इसका प्रभाव जनजातियों तक चलाने के लिए भी हो सकता है। मुकेश ने कहा कि नशा निवारण केंद्रों में भी आपूर्ति की समस्याएँ हैं। सरकार ने इन केंद्रों की सख्त जांच करने का निर्णय लिया है। उन्होंने बताया कि पिछले तीन सालों में 4445 लोगों को गिरफ्तार किया गया है।
आरोपियों की 14.33 करोड़ की संपत्ति भी जब्त की गई है। उपमुख्यमंत्री ने सभी पार्टियों से इस मुद्दे पर एकजुट होने की अपील की। उन्होंने कहा कि चिट्टे के आरोपियों को जेल में भर दिया गया है। विधायक राजेश धर्माणी और केएल ठाकुर ने विधानसभा में प्रश्नकाल के दौरान इस मुद्दे को उठाया। उपमुख्यमंत्री ने कहा कि हिमाचल में चिट्टे का व्यापार विदेशों से किया जा रहा है। अफगानिस्तान और पाकिस्तान में बैठे ड्रग डीलर्स नशे की खेप को हिमाचल तक पहुंचा रहे हैं। दिल्ली में नाइजीरियन भी इस व्यापार को चला रहे हैं।
आठ महीनों में 11.5 किलो चिट्टा पकड़ा गया है। मुकेश ने कहा कि इस साल 1 जनवरी से 31 अगस्त तक पुलिस ने साढ़े 11 किलो चिट्टा पकड़ा है। इस साल 1574 केस हो चुके हैं, जिनमें 2136 पुरुष और 79 महिलाएं गिरफ्तार की गई हैं। समस्या का समाधान केवल गिरफ्तारी से नहीं हो सकता, इस पर जागरूकता फैलाने की भी आवश्यकता है। इसके लिए समाज का सहयोग भी महत्वपूर्ण है। हमारे पास पड़ोसी राज्यों में चिट्टा के खिलाफ मिलकर काम करने की आवश्यकता है। पुलिस ड्रोन तकनीक का भी उपयोग चिट्टे के व्यापारियों पर नजर रखने के लिए हो रहा है। चिट्टे के व्यापार को नियंत्रित करने के लिए मुख्य सचिव और उपायुक्तों की अध्यक्षता में कमेटियाँ गठित की गई हैं।