Himachal Politics News

Himachal Politics News: लोकसभा चुनाव में कांगड़ा-चंबा क्षेत्र में कमजोर संगठन और शिमला में जरूरत से ज्यादा उत्साह कांग्रेस प्रत्याशियों की हार का कारण बने। कांग्रेस नेताओं ने राजीव भवन में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने यह बात रखी। नेताओं ने कहा कि लोस चुनाव की जगह विस उपचुनाव पर ज्यादा ध्यान देने से समीकरण बिगड़ गए। आनंद शर्मा के कांगड़ा-चंबा से उम्मीदवार बनने से माहौल बना, लेकिन वोट में बदल नहीं सका।

कुछ क्षेत्रों में बूथ स्तर पर पार्टी कार्यकर्ता सक्रिय नहीं थे। शिमला जिले को कांग्रेस का गढ़ समझने की भूल में कार्यकर्ताओं ने मतदाताओं से दूरी बनाए रखी। फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सदस्य रजनी पाटिल और पीएल पुनिया ने दूसरे दिन भी विभिन्न नेताओं से फीडबैक लिया। मंगलवार को कांगड़ा और शिमला क्षेत्र के नेताओं से चर्चा की गई। कृषि मंत्री चंद्र कुमार, भवानी पठानिया, किशोरी लाल, मलेंद्र राजन, आशीष बुटेल, केवल सिंह पठानिया, देवेंद्र जग्गी, संजय चौहान, आशा कुमारी, अजय महाजन, विनोद सुल्तानपुरी, महेश्वर चौहान, हरीश जनारथा, रामकुमार चौधरी, मोहनलाल ब्राक्टा सहित कई नेताओं ने अपनी बात रखी।

कमेटी को बताया गया कि कांग्रेस के गारंटी पत्र में जातीय जनगणना के जिक्र के चलते कांगड़ा में सवर्ण मतदाताओं ने पार्टी से दूरी बनाई। उत्तराखंड और जम्मू-कश्मीर में भी इसका असर हुआ। जहां सवर्ण मतदाता कम थे, वहां अन्य समुदाय ने कांग्रेस का साथ दिया। नेताओं ने कहा कि आनंद शर्मा को उम्मीदवार बनाने पर किसी से चर्चा नहीं की गई, जिससे देरी से नाम घोषित होना भी हार का कारण बना। शिमला में पीएम मोदी की रैली के बाद भाजपा के पक्ष में माहौल बना। शिमला सीट भी भाजपा की झोली में गई क्योंकि वहां कार्यकर्ता समझते रहे कि पार्टी की स्थिति मजबूत है।

आनंद शर्मा दिल्ली में फैक्ट फाइंडिंग कमेटी के सामने अपना पक्ष रखेंगे। रिपोर्ट जल्द हाईकमान को सौंपी जाएगी। रजनी पाटिल और पीएल पुनिया ने बताया कि मंडी और हमीरपुर क्षेत्र के नेताओं ने सरकार और संगठन में समन्वय की कमी बताई है। देरी से उम्मीदवार तय होना बड़ा कारण रहा। भाजपा ने कई चरणों में प्रचार किया, जबकि कांग्रेस प्रत्याशी देर से तय हुए। पुनिया ने कहा कि ब्लॉक अध्यक्षों से भी बात की गई है और रिपोर्ट हाईकमान को सौंपी जाएगी।

पूर्व मंत्री आशा कुमारी ने कहा कि कांगड़ा-चंबा सीट से उम्मीदवार न होने का कोई खास असर नहीं पड़ा। मोदी फैक्टर का चुनाव में ज्यादा असर नहीं रहा। राम मंदिर जरूर एक कारण था। मुख्य संसदीय सचिव आशीष बुटेल ने कहा कि टिकट में देरी हार का कारण रही और भाजपा ने धनबल से प्रचार किया। आनंद शर्मा ने केंद्रीय मंत्री रहते हुए कांगड़ा के लिए काफी काम किए थे।

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