चंबा। चंबा विधानसभा क्षेत्र की चार पंचायतों के करीब 4,000 लोगों को नए साल में रावी नदी पर वाहन योग्य पुल का तोहफा मिलने जा रहा है। पुल बनने से लोगों को बस और अन्य वाहनों की सुविधा आसानी से मिलेगी।
करियां में 110 मीटर लंबे इस पुल का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है, जिसमें 90 मीटर हिस्सा बनकर तैयार है। बचे हुए 30 मीटर के पुल का निर्माण तेजी से चल रहा है। पुल का काम मार्च तक पूरा करने का लक्ष्य रखा गया है। इस परियोजना पर 7.24 करोड़ रुपये की लागत आ रही है।
निर्माण की गुणवत्ता सुनिश्चित करने के लिए लोक निर्माण विभाग के अधिकारी रोजाना निर्माण स्थल का निरीक्षण कर रहे हैं।
चंबा। ग्राम पंचायत भडियां कोठी, जटकरी, कुपाहड़ा और बैली के लोग करियां के रास्ते अपने घरों को आते-जाते हैं। उनके लिए पहले से एक पैदल पुल मौजूद है, लेकिन वह भारी वाहनों का भार सहने में सक्षम नहीं है। इसी कारण बस और अन्य बड़े वाहन उस पुल से नहीं गुजर सकते।
लंबे समय से लोग पक्का और वाहन योग्य पुल बनाने की मांग कर रहे थे। उनकी इस मांग को ध्यान में रखते हुए लोक निर्माण विभाग ने सरकार को पुल बनाने का प्रस्ताव भेजा। सरकार ने प्रस्ताव को मंजूरी देते हुए इसके लिए बजट जारी कर दिया। अब पुल निर्माण कार्य तेजी से जारी है, जिससे लोगों को जल्द ही बस और अन्य वाहन सुविधाएं मिलने की उम्मीद है।चंबा। करियां में रावी नदी पर बन रहा पक्का पुल इलाके के लोगों के लिए राहत भरा साबित होगा। सबसे अधिक फायदा तड़ग्रां गांव के लोगों को मिलेगा, जिन्हें अभी तक रावी नदी पार करने के लिए झूला पुल (घरूरू) से जाना पड़ता था। इस पुल से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है, जबकि एक अन्य को नदी में बहने से मुश्किल से बचाया गया था।
अब नया पुल बन जाने से लोगों को सुरक्षित और आसान आवाजाही के साथ बस और अन्य वाहनों की सुविधा भी मिलेगी। लोक निर्माण विभाग के कनिष्ठ अभियंता भास्कर सहगल ने बताया कि पुल का 80 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है। शेष काम भी तेजी से चल रहा है और नए साल में इसका निर्माण पूरा होने की उम्मीद है। पुल बनते ही चार पंचायतों के हजारों लोगों को इसका सीधा लाभ मिलेगा।चंबा। करियां में रावी नदी पर बन रहा पक्का पुल इलाके के लोगों के लिए राहत भरा साबित होगा। सबसे अधिक फायदा तड़ग्रां गांव के लोगों को मिलेगा, जिन्हें अभी तक रावी नदी पार करने के लिए झूला पुल (घरूरू) से जाना पड़ता था। इस पुल से कई दुर्घटनाएं हो चुकी हैं। एक व्यक्ति की जान भी जा चुकी है, जबकि एक अन्य को नदी में बहने से मुश्किल से बचाया गया था।