Himachal Breaking News: हिमाचल प्रदेश में मुख्यमंत्री सुखविंदर सिंह सुक्खू की सरकार की मुश्किलें कम होने का नाम नहीं ले रही हैं। राज्य बिजली बोर्ड के कर्मचारियों ने सरकार के खिलाफ प्रदर्शन करते हुए अपनी मांगें उठाईं। सोमवार को बिजली बोर्ड कर्मचारी-इंजीनियर संयुक्त मोर्चा के बैनर तले प्रदर्शन किया गया। मोर्चा संयोजक लोकेश ठाकुर और सह संयोजक हीरा लाल वर्मा ने आरोप लगाया कि बिजली बोर्ड का निजीकरण किया जा रहा है। हाल ही में बोर्ड के 51 पद खत्म किए गए और 81 ड्राइवरों को हटाया गया, जिसे उन्होंने अनुचित बताया।
संयुक्त मोर्चा ने सरकार को चेतावनी दी है कि अगर उनकी मांगे नहीं मानी गईं तो 4 नवंबर को बड़े आंदोलन की योजना बनाई जाएगी।
बिजली बोर्ड कर्मचारियों की प्रमुख मांगे:
1. समाप्त किए गए 51 इंजीनियरिंग पदों की बहाली।
2. 81 आउटसोर्स ड्राइवरों की नौकरी से हटाने के आदेश रद्द।
3. कर्मचारियों के लिए पुरानी पेंशन योजना लागू हो।
4. 2010 के एचपीएसईबी स्थानांतरण योजना समझौते का पालन।
5. मंजूर टी-मेट के 1030 पदों पर भर्ती प्रक्रिया शुरू हो।
6. सातवें वेतन आयोग का बकाया भुगतान किया जाए।
7. सभी पेंडिंग टर्मिनल लाभ का तत्काल भुगतान हो।