Solan Breaking News: हिमाचल प्रदेश स्टेट को-ऑपरेटिव बैंक की नोहराधार शाखा में करीब तीन महीने पहले करोड़ों रुपये के वित्तीय घोटाले का मामला सामने आया था। बैंक प्रबंधन ने 19 अगस्त को इस मामले की जांच सीबीआई से कराने की सिफारिश की थी और सात कर्मचारियों को निलंबित कर दस को कारण बताओ नोटिस जारी किया था। लेकिन अब तक सीबीआई जांच शुरू नहीं हुई है।
आज 15 पंचायतों के ग्रामीण, जो इस घोटाले से प्रभावित हैं, ने नोहराधार में बैंक मैनेजर उम्मीद कंवर को दिवाली से पहले अपनी जमा पूंजी लौटाने का अल्टीमेटम दिया है, अन्यथा बड़े आंदोलन की चेतावनी दी है।
नोहराधार में ग्रामीणों ने बैठक कर बैंक प्रबंधन की लापरवाही पर नाराजगी जताई। स्थानीय किसान सभा के महासचिव राजिंदर सिंह चौहान ने बताया कि किसानों और ग्राहकों ने बैंक द्वारा उनके पैसे लौटाने में हो रही देरी पर चिंता व्यक्त की है।
चौहान ने बताया कि केवल 6 ग्राहकों को ही 75 लाख रुपये मिले हैं, जबकि बाकी लोग अब भी अपने पैसों का इंतजार कर रहे हैं। दिवाली का त्योहार नजदीक है और बैंक को जल्द ही पैसे लौटाने पर विचार करना चाहिए, अन्यथा बड़े स्तर पर विरोध शुरू होगा।
बैंक प्रबंधन द्वारा 11 अगस्त को दर्ज एफआईआर के अनुसार, शाखा प्रबंधक ज्योति प्रकाश ने अपने पद का दुरुपयोग कर फर्जी नामों पर किसान क्रेडिट कार्ड खोले और 4.02 करोड़ रुपये का ऋण मंजूर किया। इस राशि को बैंक की जमा पूंजी और कैश क्रेडिट लिमिट खातों में ट्रांसफर किया गया और फिर गबन कर ये खाते बंद कर दिए गए।
बैंक का दावा है कि उसकी नीति के अनुसार ग्राहकों का पूरा पैसा लौटाया जाएगा और बैंक स्वयं इस नुकसान को वहन करेगा, लेकिन ग्रामीण असंतुष्ट हैं क्योंकि 15 सितंबर तक पैसे लौटाने का वादा अब तक पूरा नहीं हुआ है। जांच में यह भी सामने आया कि ज्योति प्रकाश ने कई खातों से लाखों रुपये की फिक्स्ड डिपॉजिट भी गबन की है।