Dharamshala Breaking News: धर्मशाला के पास मैक्लोडगंज में करीब 20 साल पहले एक बच्ची पिंकी हरयान सड़कों पर भीख मांगती और कूड़े में से खाना ढूंढती थी। आज वह डॉक्टर बन चुकी है। यह बदलाव बौद्ध भिक्षु लोबसांग जाम्यांग की मदद से हुआ, जिन्होंने पिंकी को पढ़ाई का मौका दिलाकर उसका भविष्य संवार दिया।
पिंकी का बचपन काफी मुश्किलों भरा था। उसका परिवार झुग्गी में रहता था, और गरीबी की वजह से उन्हें भीख मांगकर गुजारा करना पड़ता था। साल 2004 में जब पिंकी सिर्फ 4-5 साल की थी, तब लोबसांग जाम्यांग की नजर उस पर पड़ी। उन्होंने पिंकी के पिता से मिलकर उसकी पढ़ाई की बात की, लेकिन आर्थिक हालात के कारण पिता ने असमर्थता जताई।
इसके बाद लोबसांग ने पिंकी की पूरी पढ़ाई का खर्च अपने टोंग-लेन चैरिटेबल ट्रस्ट से उठाया। उन्होंने पिंकी का दाखिला धर्मशाला के दयानंद पब्लिक स्कूल में करवाया, जहां से उसकी पढ़ाई की शुरुआत हुई। हाल ही में पिंकी ने चीन से MBBS की पढ़ाई पूरी की है।