Bilaspur Breaking News: संस्कार सोसाइटी घुमारवीं राज्य में चिट्टे की लत को खत्म करने के लिए एक बड़ा अभियान चला रही है। रविवार को आयोजित एक कार्यशाला में मुख्य वक्ता ओम प्रकाश शर्मा, पूर्व नारकोटिक अधिकारी एवं नशा निवारण कमेटी के पूर्व संयोजक ने यह बात कही। उन्होंने बताया कि भारत दो प्रमुख ड्रग उत्पादक देशों के बीच स्थित है, जो हमारी युवा पीढ़ी के लिए खतरे का संकेत है। भारत एक युवा और शक्तिशाली राष्ट्र है, जिसे पड़ोसी देश स्वीकार नहीं कर पा रहे हैं। पाकिस्तान आईएसआई की मदद से बड़े पैमाने पर ड्रग की खेती कर रहा है, जो हमारे युवाओं के लिए गंभीर चुनौती है।
शर्मा ने नशे की बढ़ती उपलब्धता को युवाओं की बिगड़ती हालत का मुख्य कारण बताया और सरकार से इस पर कठोर निर्णय लेने की अपील की। उन्होंने कहा कि 1985 के एक्ट के तहत प्रदेश में चार एजेंसियां एंटी-ड्रग काम के लिए बनाई गई हैं, लेकिन केवल पुलिस विभाग ही सक्रिय रूप से काम कर रहा है। उन्होंने संस्कार सोसाइटी घुमारवीं की सराहना की, जो चिट्टे के खिलाफ राष्ट्रीय स्तर की वैज्ञानिक विधियों से अभियान चला रही है। उन्होंने चेतावनी दी कि अगर अगले तीन वर्षों में इस नशे को रोकने के लिए ठोस कदम नहीं उठाए गए, तो हिमाचल प्रदेश भी पंजाब जैसी स्थिति का सामना कर सकता है।
चिट्टा बेचने वालों को 45.32 प्रतिशत लोग मानते हैं जिम्मेदार
संस्कार सोसाइटी के संस्थापक महेंद्र धर्माणी ने कार्यशाला में बताया कि संस्था द्वारा किए गए सर्वेक्षण में यह बात सामने आई है कि 45.32 प्रतिशत लोग चिट्टा बेचने वालों को पैसे के लालच में इस नशे के फैलने का जिम्मेदार मानते हैं। धर्माणी ने कहा कि केवल पुलिस और नेताओं के प्रयासों से इस समस्या का समाधान नहीं होगा, बल्कि हमें सबको मिलकर इसका सामना करना होगा। संस्था पंचायत और गांव स्तर पर कमेटियां बनाएगी और इस अभियान को और भी व्यापक स्तर पर आगे बढ़ाएगी।