Chamba Local News:चंबा जिले के सलूणी उपमंडल में दो दिवसीय ऐतिहासिक गढ़ माता जात्र मेला सोमवार को संपन्न हुआ। इस मेले में हज़ारों श्रद्धालुओं ने हिमाचल प्रदेश और जम्मू-कश्मीर से आकर माँ चामुंडा के दर्शन किए और आशीर्वाद प्राप्त किया।
परंपरा के अनुसार, लोग अश्विन महीने की संक्रांति पर हिमाचल-जम्मू-कश्मीर की सीमा पर स्थित गढ़ माता मंदिर में अपने मक्के की फसल चढ़ाते हैं। मान्यता है कि यह मंदिर चंबा के राजा पृथ्वी सिंह द्वारा 400 साल से भी अधिक समय पहले स्थापित किया गया था। स्थानीय लोगों के लिए इस मंदिर का अत्यधिक धार्मिक महत्व है और वे देवी की दिव्य शक्ति में गहरी आस्था रखते हैं।
मंदिर के प्रांगण में पवन राणा के भजनों और पारंपरिक चुराह नाटी नृत्य ने श्रद्धालुओं को मंत्रमुग्ध कर दिया। मेला समिति के सचिव दर्शन शर्मा ने बताया कि मेले की शुरुआत सैर संक्रांति की पूर्व संध्या पर हुई, जिसमें श्रद्धालु पनोड़ा गांव से लगभग दो घंटे की चढ़ाई करते हुए मंदिर पहुंचे।
रात्रि में मंदिर में जागरण का आयोजन हुआ और सोमवार सुबह यज्ञ किया गया। मेले में जम्मू-कश्मीर और हिमाचल प्रदेश की टीमों के बीच रस्साकशी और मटका फोड़ जैसी प्रतियोगिताएं भी आयोजित की गईं। शर्मा ने बताया कि पिछले 100 सालों से मनाए जा रहे इस मेले के दौरान स्थानीय समुदाय अपनी मक्के की फसल देवी को अर्पित कर कृतज्ञता प्रकट करते हैं। यह परंपरा पीढ़ियों से चली आ रही है और क्षेत्र में फसल कटाई के मौसम की शुरुआत का प्रतीक मानी जाती है।