Kangra Latest Updates: न्यू पेंशन स्कीम रिटायर्ड कर्मचारी अधिकारी महासंघ हिमाचल प्रदेश के अध्यक्ष डॉ. संजीव गुलेरिया ने कहा कि जब केंद्र सरकार एनपीएस से यूपीएस (एकीकृत पेंशन योजना) का विकल्प दे सकती है, तो ओपीएस का विकल्प देने में क्या दिक्कत है। यूपीएस में 25 साल की सेवा के बाद मूल वेतन का 50% पेंशन देने का प्रावधान है। लेकिन विधायकों और सांसदों को सिर्फ पांच साल की सेवा के बाद या सदस्यता रद्द होने पर तुरंत पेंशन मिल जाती है, जो उचित नहीं है। उन्होंने कहा कि अगर यूपीएस में 50% पेंशन दी जा सकती है, तो ओपीएस में भी यही क्यों नहीं?
डॉ. गुलेरिया ने कहा कि सिर्फ नाम बदलने से काम नहीं बदलता। उन्होंने आरोप लगाया कि केंद्र सरकार कर्मचारियों का पैसा हड़पकर पेंशन देना चाहती है। अगर एकीकृत पेंशन योजना इतनी अच्छी है, तो सबसे पहले केंद्रीय कैबिनेट, विधायक और सांसदों को इस योजना में शामिल किया जाए। पहले सरकार एनपीएस को अच्छा बताती थी, अब यूपीएस को अच्छा कह रही है, जबकि असल में ओपीएस ही असली सामाजिक सुरक्षा का कवच और बुढ़ापे की लाठी है। इसी कारण देश के लाखों कर्मचारी ओपीएस की मांग कर रहे हैं। गुलेरिया ने कहा कि प्रदेश सरकार द्वारा ओपीएस लागू करना ही एक बड़ी वजह थी, जिससे केंद्र सरकार को इस पर विचार करने के लिए मजबूर होना पड़ा।