Chamba Local News: चंबा में प्रस्तावित सभी जल विद्युत परियोजनाओं के लिए वन भूमि उपयोग की मंजूरी में अड़चनें आ गई हैं। केंद्रीय वन मंत्रालय ने एफसीए नियमों में बदलाव कर नदी बेसिन की क्युमुलेटिव इम्पेक्ट असेस्मेंट और कैरिंग कैपेसिटी स्टडी को अनिवार्य कर दिया है, लेकिन चंबा की रावी बेसिन की यह स्टडी अभी तक नहीं हुई है। इसके चलते परियोजनाओं की मंजूरी रुकी हुई है। हालांकि सतलुज और ब्यास बेसिन की स्टडी पूरी हो चुकी है। निवेशकों ने मांग की है कि रावी नदी की स्टडी पूरी होने तक पूर्व की तरह वन भूमि स्वीकृति की छूट दी जाए। केंद्रीय वन मंत्रालय के नए आदेशों के कारण निवेशकों में निराशा है और चंबा में करीब 40-50 छोटी-बड़ी परियोजनाओं की योजना संकट में है।