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Kullu Updates: यह कथा देवता कशुनारायण और माता रूपासना की परिक्रमा का वर्णन करती है, जो हिमाचल प्रदेश की पारंपरिक और धार्मिक मान्यताओं का एक हिस्सा है। इसमें देवता कशुनारायण द्वारा पांच गांव—शांगचण, टील-टारबाई, शराहणीबेहड़, धारला, और हुरण—की यात्रा का विवरण है। धारला में स्थित माता रूपासना के मंदिर में देवता कशुनारायण और माता रूपासना के सम्मान में कुल्लवी नाटी का आयोजन हुआ, जिसमें देवलुओं और हारियानों ने भाग लिया।
देवता कशुनारायण स्वयं नाटी के प्रेमी माने जाते हैं और अपनी भक्तों को भी नाचने के लिए प्रेरित करते हैं। इस यात्रा के दौरान माता रूपासना भी देवता कशु नारायण के साथ थीं। इन दोनों के संयुक्त आशीर्वाद से गांवों के लोगों को सुख-शांति प्राप्त हुई। देवता के कारदार मोहन लाल ठाकुर के अनुसार, इस यात्रा के दौरान भगवान के दर्शन के लिए भारी भीड़ उमड़ी, जिससे लोगों की श्रद्धा और भक्ति स्पष्ट होती है