Himachal News: लोकसभा चुनाव 2024 के नजदीक आते हुए, चुनावी समीकरणों में नए बदलाव हो रहे हैं। शिमला लोकसभा से भाजपा के दो बार के सांसद वीरेंद्र कश्यप की कांग्रेस से शिमला सीट पर चर्चा ने भाजपा को चिंतित कर दिया है। अगर वीरेंद्र कश्यप भाजपा को छोड़ कर कांग्रेस के लिए उतरते हैं, तो सुरेश कश्यप के लिए मुश्किलें बढ़ सकती हैं। इसकी एक बड़ी वजह यह है कि भाजपा के गठबंधन में विघटन और पिछले विधानसभा चुनावों में बगी कांग्रेसियों की वापसी हो रही है। कुछ प्रमुख कांग्रेस नेताओं के साथ बगी कांग्रेसियों की वापसी के संकेत मिल रहे हैं।
कांग्रेस संगठन और सरकार दोनों में मोदी लहर का खतरा बढ़ रहा है। अमित नंदा और दयाल प्यारी भी वीरेंद्र कश्यप के समर्थन में खड़े हो सकते हैं। अगर कांग्रेस इस चर्चा को अमल में ले लेती है, तो उसके लिए यह बड़ा लाभ हो सकता है। जीआर मुसाफिर, अमित नंदा, दयाल प्यारी जैसे नेताओं का प्रतिष्ठा पार्टी में और अधिक बढ़ सकता है।
वीरेंद्र कश्यप का विपक्षी खेमा तेजी से बढ़ रहा है। उनके दो बार के सांसद कार्यकाल में उनके योगदान को मान्यता मिली है। उनके संघर्ष का सबको पता है, वे सिरमौर और सोलन में मामूली नाराजगी का सामना कर रहे हैं। भाजपा के संगठन नेतृत्व की ओर से भी उनके प्रति नाराजगी दिखाई देती है। इस परिस्थिति में वीरेंद्र कश्यप के कांग्रेसी खेमे में आने के संकेत हैं, जो भाजपा के लिए चिंताजनक हैं।