Himachal News: हिमाचल प्रदेश में, दिल्ली मेट्रो रेल निगम (डीएमआरसी) के विशेषज्ञों के साथ सुरंगों का निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया गया है। एनएचएआइ मुख्यालय ने क्षेत्रीय अधिकारियों को इसके लिए पत्र भेजा है। सुरंगों का निरीक्षण दो स्तरों पर होगा— पहले स्तर पर स्थानीय विशेषज्ञों के द्वारा और फिर डीएमआरसी के विशेषज्ञों द्वारा उनकी रिपोर्ट को एनएचएआइ मुख्यालय को प्रस्तुत किया जाएगा।
हादसे से सबक सीखते हुए, एनएचएआइ ने हिमाचल प्रदेश में बन रही सुरंगों की सुरक्षा के लिए डीएमआरसी के विशेषज्ञों से निरीक्षण और ऑडिट करवाने का निर्णय लिया है। सभी क्षेत्रीय अधिकारियों को सुरंगों का निरीक्षण करवाने के लिए निर्देश दिए गए हैं।
सुरंगों का निरीक्षण दो स्तरीय होगा। पहले स्थानीय विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण और ऑडिट किया जाएगा। उसके बाद डीएमआरसी के विशेषज्ञों द्वारा निरीक्षण किया जाएगा और रिपोर्ट एनएचएआइ मुख्यालय को सौंपी जाएगी। जो भी कमियां पायी जाएं, उन्हें निर्माण कंपनियों से दूर किया जाएगा। यहाँ 24 सुरंगों का निर्माण हो रहा है, जैसे कीरतपुर मनाली, पठानकोट मंडी, शिमला सोलन, परवाणु फारलेन, और रानीताल कांगड़ा बाईपास पर।
कीरतपुर मनाली फोरलेन पर सात सुरंगें बनाई जा रही हैं।
मंडी से टकोली तक, कीरतपुर मनाली फोरलेन पर सात सुरंगों का निर्माण सम्पन्न हो चुका है। इनमें नेरचौक पंडोह बाईपास पर 497 करोड़ रुपये की लागत से 2.3 किलोमीटर लंबी एक और पंडोह बाईपास से टकोली तक 11.7 किलोमीटर की छह सुरंगें शामिल हैं। इन सभी सुरंगों का प्रथम स्तर का निरीक्षण पूरा हो चुका है और सभी में उचित व्यवस्था पाई गई है।