Himachal News: हिमाचल प्रदेश में, दक्षिण कोरिया के आदान-प्रदान से प्रेरित एक ईको स्टार्टअप नीति तैयार की जा रही है। इसका उद्देश्य बेरोजगारी के स्थायी समाधान को प्राप्त करना है। इस नीति के प्रारंभ होने से युवाओं को आईटी और खाद्य आधारित स्टार्टअप्स के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी आगे बढ़ने का अवसर मिलेगा। सरकार की यह नई स्टार्टअप नीति महिलाओं को मध्यस्थ बनाएगी और उन्हें केंद्र में रखेगी।
अब हिमाचल प्रदेश में एक दक्षिण कोरिया के प्रेरणास्त्रोत परियोजना के तौर पर ईको स्टार्टअप नीति का निर्माण किया जाएगा, जिसका उद्देश्य रोजगार की समस्या का स्थायी समाधान प्रस्तुत करना है। इस नीति के लागू होने से, युवाओं को आईटी और खाद्य आधारित स्टार्टअप्स के साथ-साथ अन्य क्षेत्रों में भी विकास के अवसर मिलेंगे। इस नई स्टार्टअप नीति के केंद्र में महिलाएं होंगी। इसके साथ ही, बजट में भी इस योजना के लिए इजाफा किया जाएगा।
दक्षिण कोरिया का ईको स्टार्टअप प्रसिद्ध है
ग्रामीण क्षेत्रों में व्यापारिक रूप से मजबूत आधार बना सकने वाली गतिविधियों पर विशेष महत्व दिया जाएगा। हिमाचल प्रदेश सरकार के प्रमुख सचिव आरडी नजीम और उद्योग विभाग के निदेशक राकेश कुमार प्रजापति ने इस विषय पर जानकारी प्राप्त करने के लिए सियोल, दक्षिण कोरिया जाकर किया था।
स्टार्टअप योजना अब तक उचित गति नहीं पकड़ सकी है।
प्रदेश में, स्टार्टअप इंडिया योजना 16 जनवरी 2016 को शुरू हुई थी। इस कार्यक्रम के तहत 329 स्टार्टअप्स को चयनित किया गया था, जिनमें से 281 को तीन लाख की वित्तीय सहायता प्राप्त हुई और 82 स्टार्टअप्स व्यावसायिक रूप से आगे बढ़े।
पिछले दो सालों के दौरान, एक दर्जन से अधिक इंक्यूवेशन केंद्रों की स्थापना की गई। प्रारंभिक वर्षों में, केवल छह इंक्यूवेशन केंद्र होते थे, जहां से स्टार्टअप के आइडिया को मंजूरी मिलती थी।