Kangra News: सिद्धपुर में पहुंचने पर चंद्रयान-तीन के गर्वित हीरो, रजत, को बुद्धिजीवियों, पूर्व सैनिकों, पूर्व अधिकारियों और स्थानीय लोगों ने अभिनंदन किया।
मिशन मून की सफलता में हिमाचल प्रदेश का महत्वपूर्ण योगदान रहा है। चंद्रमा पर चंद्रयान-तीन के महत्वपूर्ण कार्यक्षेत्र में हिमाचल के वीर ने अपनी विशेष प्रतिष्ठा प्राप्त की है। सिद्धपुर क्षेत्र, जो हिमाचल प्रदेश के कांगड़ा जिले के धर्मशाला के समीप स्थित है, में रजत अवस्थी इसरो की मुख्य टीम का हिस्सा हैं, और चंद्रयान के लॉन्च से लैंडिंग तक के कंट्रोल यूनिट में महत्वपूर्ण भूमिका निभा रहे हैं। रजत इसरो में एक वैज्ञानिक के रूप में कार्यरत हैं, और वह इसरो के स्पेश क्रॉफ्ट ऑपरेशन बैंगलोर में सेवाएं प्रदान कर रहे हैं, जिससे सभी अंतरिक्ष मिशनों को निरंतर नियंत्रित किया जाता है।
रजत के आगमन पर सिद्धपुर के बुद्धिमान नागरिक, पूर्व सैनिक, पूर्व अधिकारी और स्थानीय लोगों ने एक नागरिक स्वागत कार्यक्रम का आयोजन किया। इस कार्यक्रम में नौसेना के पूर्व कमांडर ओआर मनहास, प्रतिरक्षा पूर्व सेनाध्यक्ष आरके डोगरा, प्रो. मनमोहन बेदी, पूर्व बिजली बोर्ड डायरेक्टर श्याम लाल शर्मा, केके गुप्ता, मदन लाल शर्मा, प्यार चंद मिन्हास और कमल छेत्री ने रजत अवस्थी को हिमाचली टोपी और मफलर के साथ सम्मानित किया।
रजत अवस्थी के माता-पिता को भी हिमाचली शॉल के साथ सम्मानित किया गया। रजत के पिता प्रदेश सरकार के बीडीओ पद से सेवानिवृत्त हैं, और वे धर्मशाला के सिद्धपुर में निवास करते हैं। रजत अवस्थी ने अपनी प्रारंभिक शिक्षा सेक्रेट हार्ट स्कूल धर्मशाला से प्राप्त की और फिर जमा दो की, चंडीगढ़ के डीएवी से पढ़ाई की। इसके बाद, उन्होंने जेईई मेन्स में बहुत सफलता प्राप्त की और फिर उन्हें भारत में पहले इंडियन इंस्टीच्यूट ऑफ स्पेश टेक्नोलॉजी बंगलुरु के लिए चयनित किया गया। वहां से इंजीनियरिंग पूरी करने के बाद, उनका चयन इसरो में हुआ। रजत अवस्थी ने इसरो में मंगलयान सहित विभिन्न अंतरिक्ष मिशनों में अपनी सेवाएं प्रदान की हैं। उन्होंने हिमाचल प्रदेश और कांगड़ा जिले के युवाओं को अपने लक्ष्य के प्रति प्रेरित किया और उन्हें वैज्ञानिक बनने की संदेश भी दी। साथ ही, उन्होंने युवाओं से नशे और ड्रग्स से दूर रहकर देश के उत्कृष्टि की ओर बढ़ने का संदेश भी दिया।