हिमाचल विधानसभा में शोकोद्गार के बाद मानसून सत्र के पहले दिन की शुरुआत हंगामे के साथ हुई। शोकोद्गार के बाद, विधानसभा अध्यक्ष कुलदीप सिंह पठानिया ने प्रश्नकाल को शुरू करने की कोशिश की, लेकिन विपक्षी नेता जयराम ठाकुर, विधायक विपिन सिंह परमार, रणधीर शर्मा, और राकेश जम्वाल ने नियम-62 के तहत स्थगन प्रस्ताव पर चर्चा करने का मुद्दा उठाया। विपक्षी सदस्यों ने कहा कि सोमवार की कार्य सूची में शामिल सभी विषयों को स्थगित करके प्राकृतिक आपदा से प्रदेश में हुए नुक्सान पर चर्चा होनी चाहिए। हालांकि विपक्षी नेता जयराम ठाकुर को छोड़कर विपक्षी विधायकों के बयान सभी तरफ पहुंचे नहीं। CM सुखविंदर सिंह सुक्खू ने विपिन सिंह परमार के साथ बिना किसी तरह की रोक-टोक के कहा कि उन्होंने कांगड़ा का इंचार्ज भाजपा द्वारा नियुक्त किया है, इसलिए वह जयराम ठाकुर से अधिक बोलने का हकदार हैं। उन्होंने कहा कि अतीत की बातों पर चर्चा करने का समय नहीं है, बल्कि हमें भविष्य की चुनौतियों पर ध्यान केंद्रित करना चाहिए। वहने यह भी कहा कि दान देने को लेकर चर्चा नहीं करना चाहिए, क्योंकि यह उनके स्वभाव में शामिल है।