डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान चिकित्सा महाविद्यालय टांडा में 40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहा है जीएस बाली माता और शिशु अस्पताल, और लोगों को इसमें जल्द ही सुविधा मिलेगी। इस नए अस्पताल का नाम पूर्व मंत्री जीएस बाली के नाम पर रखा गया है। इस अस्पताल की बेड की संख्या 50 से बढ़कर अब 200 हो गई है और यहां पर सभी सुविधाएँ उपलब्ध होंगी। पूर्व परिवहन मंत्री और नगरोटा बगवां के विधायक रहे स्वर्गीय जीएस बाली माता और शिशु अस्पताल की गोल्डन नेम प्लेट भी लगाई गई है। सीपीडब्लूडी द्वारा 40 करोड़ रुपये की लागत से निर्मित हो रहे जीएस बाली माता और शिशु अस्पताल की सुविधा लोगों को जल्द ही उपलब्ध होगी। इसका 99 प्रतिशत काम पूरा हो चुका है और जल्द ही काम पूरा हो जाएगा। टांडा मेडिकल कॉलेज के मुख्य गेट के पास जीएस बाली माता और शिशु अस्पताल में उपलब्ध आधुनिक सुविधाओं का लाभ महिलाओं को मिलेगा।
टांडा में अब तक प्रसव के दौरान केवल 50 बिस्तर हैं, जिसके कारण गर्भवती महिलाएं कई बार बड़ी मुश्किलों का सामना करनी पड़ती हैं। कई बार बिस्तर भी नहीं मिलते हैं और एक ही बिस्तर पर दो या तीन गर्भवती महिलाएं डाक्टर की देखरेख में रखी जाती हैं। अब इससे लोगों को बड़ी समस्याओं से निजात मिलेगी। माता और शिशु अस्पताल में अब 200 बिस्तर होंगे। महिलाओं को किसी भी प्रकार की असुविधा से बचाने के लिए विशेष ध्यान दिया गया है। गर्भवती महिलाओं का चेकअप नई तकनीक के साथ सही समय पर किया जाएगा। माता और शिशु अस्पताल में सुपर स्पेशलिस्ट डॉक्टरों की संख्या में वृद्धि होगी। नई सुविधाओं के साथ भरपूर माता और शिशु अस्पताल में नवजात शिशुओं की देखभाल भी नई तकनीक से और अधिक सुरक्षित तरीके से होगी। माता और शिशु अस्पताल में दूरदराज से आने वाले गर्भवती महिलाओं के साथ आने वाले टीम के सदस्यों को भी अतिरिक्त सुविधाओं का लाभ मिलेगा। डॉक्टर राजेंद्र प्रसाद आयुर्विज्ञान महाविद्यालय टांडा में प्रदेश के सात से अधिक जिलों के लोगों को इलाज की सुविधाएँ प्रदान की जाती हैं, जिसमें 15 लाख से अधिक लोग शामिल हैं, जैसे की कांगड़ा, चंबा, हमीरपुर, ऊना, मंडी, कुल्लू, और बिलासपुर।